लेखनी प्रतियोगिता -27-Nov-2021
माँ भारती
करो रक्षा हे माँ भारती,
करो रक्षा हे माँ भारती,
तेरे साथ रहने से हमारी उम्मीदें ना कभी हारती,
करो तुम देश का कल्याण हे माँ भारती,
उठो,लड़ो, जागो,हे देश क़े वीर जवानों,
आशा का परचम लहराओ,
हे माँ भारती क़े वीर सपूतों भारत का मान बढ़ाओ,
पूरे मान -सम्मान से हिमालय पर तिरंगा लहराओ,
झूठ -कपट और भ्रष्टाचार मिटाओ हे माँ भारती,
देश से दरिंदो का सर्वनाश करो हे माँ भारती,
सोने की चिड़िया कहलाती मेरा भारत महान,
माँ भारती तुझसे ही है हमारी पहचान,
मान -सम्मान और संस्कृति की बहती हो जहाँ नदिया,
चारों तरफ़ मंदिरों में बजती हो जहाँ घंटिया,
वों देश है अपना हिंदुस्तान, वों देश है अपना हिंदुस्तान,
हम धन्य है जो जन्मे माँ भारती की गोद में,
तेरी रक्षा क़े लिये हम सो जायेंगे फिर से तेरी गोद में,
हे माँ भारती तेरे आँचल में श्रीराम खेले, रास रचाया कन्हैया,
काशी में गूंजते हर -हर महादेव का नारा,
हे! माँ भारती एक तू ही है अपना सहारा,
हर संकट में तू साथ रहती माँ भारती,
तेरे रहते कभी ना वीर जवानों की हिम्मत है हारती,
अपनी माँ का आँचल छोड़ते सैनिक,
तुम अपने आँचल में सुलाती हो मईया,
माँ भारती तेरी ही संतान है हम,
तुझसे ही है पहचान हमारी,
हमारी एकता में ना कभी को आंच आये,
पूरे विश्व में अपना प्रेम फैलायेगे,
इतनी सी बात पूरे जहाँ को बतायेगे,
रोशनी की तेज से पूरे जहाँ को जलायेगे,
सर कटा क़र माँ भारती की हिफाज़त करेंगे,
अपने दिल में तिरंगे को बसाये रखेंगे,
बंद क़र दो अब सिमा पर खेलना खून की होली,
उस माता को याद करो जिसने अपनी चुन्नर लहू में भिगोली,
भगवे सफ़ेद, चक्रधारी, हरे को एक पट्टे में रहने दो
मेरे तिरंगे को हर हिंदुस्तानीयों की जान रहने दो,
हमारे देश में शांति की गंगा बहने दो, ना फैलाओ भारत में दंगा रहने दो,
मंदिर -मस्जिद -गुरुद्वारा -चर्च में ना बांटो हमको,
मेरे हिमालय पर एक तिरंगा लहराने दो,
माँ भारती की गोद में हमें सो जाने दो, हमें सो जाने दो।
प्रिया पाण्डेय रोशनी